नागौर में दस दिन पूर्व हुए इनकम टैक्स सर्वे में एक व्यापारी को डरा धमका कर लाखों रुपए की रिश्वत लेने वाले विभाग के ही दो अधिकारियों व इनके दलाल सीए को मंगलवार को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। विशेष न्यायालय (सीबीआई कोर्ट केसेज) ने सभी तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए 31 मार्च तक जेल भेजने के आदेश दिए।
रिश्वत के इस प्रकरण में गिरफ्तार आयकर अधिकारी लक्ष्मणसिंह, आयकर निरीक्षख प्रेम सुख डिडेल व सीए सुरेस पारीक की ओर से आज कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी पूरण कुमार ने तीनों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
यह है मामला
मणिहारी आइटम्स का होलसेल बिजनेस करने वाले नागौर के सदाकत अली ने सीबीआई जोधपुर में एक शिकायत दी थी। इसमें बताया कि उनके यहां गत दिनों आयकर टीम ने सर्वे किया था। इसके बाद प्रक्रिया में मदद के लिए आईटीओ लक्ष्मणसिंह, राजेंद्र मोहन मीणा व इंस्पेक्टर प्रेमसुख डिडेल नागौर के सीए सुरेश पारीक के मार्फत पांच लाख की रिश्वत मांग रहे हैं। सीबीआई ने शिकायत का सत्यापन कराया तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। गत बुधवार को सीबीआई नागौर पहुंची और हाथी चौक इलाके में सीए पारीक को चार लाख लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने पारीक की आईटीओ इत्यादि से बात कराई और मूलत: जयपुर हाल नागौर आयकर कॉलोनी निवासी आईटीओ लक्ष्मणसिंह व इंस्पेक्टर प्रेमसुख डिडेल को गिरफ्तार किया।
व्यापारी के यहां हुए सर्वे में आईटीओ लक्ष्मणसिंह व इंस्पेक्टर प्रेमसुख डिडेल ने 1.11 करोड़ रुपए की अघोषित आय सरेंडर करवाई। इस पर सरकार को करीब 37 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ, लेकिन अफसरों ने लगभग इसका आधा पैसा अपनी जेब में डालने के लिए व्यापारी को डराकर 20 लाख में सर्वे का ही सौदा कर लिया। 15 लाख रुपए ये होली से पहले ले चुके थे, जिसकी जानकारी व्यापारी व आयकर अधिकारियों की बातचीत में भी आई है। अभी तो सीबीआई ने दोनों अफसरों के साथ बिचौलिए सीए सुरेश पारीक को चार लाख लेते गिरफ्तार किया है, मगर पहले ले चुके राशि के बारे में भी पूछताछ कर रिकवरी करनी है, इसीलिए सीबीआई ने तीनों को पांच-पांच दिन के रिमांड पर लिया था। इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में एक ज्वॉइंट कमिश्नर की भूमिका भी जांची जाएगी, क्योंकि जब नागौर में यह लेनदेन हो रहा था, तब वे भी नागौर की एक होटल में थे। कायदे से ज्वॉइंट कमिश्नर सर्वे टीम बनाने के लिए अधिकृत हैं। जिस व्यापारी के यहां सर्वे हो रहा है, उससे मिलना खुद सवाल खड़े करता है।